Generation of computer ! in Hindi :- हेलो दोस्तों एक बार फिर आप सभी का स्वागत है yourstudynotes.com में आज हम आपको कंप्यूटर की जनरेशन के बारे में बतायेगे आशा करते है की आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आएगी और आपकी konwledge को बढ़ाएगी |
Generation of computer in hindi
Electronic computer के विकास 1946 से अब तक की पाँच पीढ़िया वर्गीकृत किया गया है प्रत्येक नयी पीढ़ी की शुरुआत कंप्यूटर में प्रयुक्त नये प्रोसेस्सर तथा नयी devices के आधार पर निर्धारित की जाती है |
First genetarion 1946 – 1955 :-
सबसे पहला Electronic computer 1946 में आया था इसका नाम ENIAC था (Electronic Numerical Integrator and computer ) था इसका अविष्कार J.P Eckert तथा J.W Mauchley ने किया था ENIAC कंप्यूटर के साथ साथ कई और कंप्यूटर का भी इस पीढ़ी में ही निर्माण हुआ था जैसे – EDSEC (Electronic Delay Strong Automatic calculator ) EDVAC (Electronic Discrete variable automatic calculator) etc जैसे कंप्यूटर का अविष्कार किया गया है first generation के कंप्यूटर का आकार बहुत बड़ा होता था तथा एक जगह से दूसरी जगह ले जाना असम्भव था इस generation के कंप्यूटर में vaccum tube का use होता था तथा यह पंच कार्ड पर आधारित थे तथा storage के लिए magnetic drum का इस्तेमाल किया जाता था यह कंप्यूटर वजन में काफी भारी होते थे तथा ये बहुत ही कम विश्वसनीय थे | इन कंप्यूटर की काम करने की speed बहुत ही कम थी तथा इनकी मेमोरी में ज्यादा डाटा स्टोर नहीं किया जा सकता था first generation के कंप्यूटर में विधुत ऊर्जा की भी काफी खपत होती थी इस पीढ़ी के कंप्यूटर बहुत महंगे होने के साथ साथ प्रयोग करने में भी बहुत कठिन थे इन्हे आम लोगो का खरीदना बहुत मुश्किल था | first generation के कंप्यूटर को चलने के लिए कई लोगो की आवश्यकत होती थी first जनरेशन के कंप्यूटर में मशीन language या फिर हम जिसे binery code इस्तेमाल किया जाता था |
second generation 1956 – 1964
second generation के कंप्यूटर में vaccum तुबे के बदले transistor का प्रयोग किया जाता था और इसका अविष्कार william shockely तथा उनके साथियो ने अमेरिका की bell laboratories में किया था यह semi conductor पदार्थ से मिलकर बना था तथा इसकी कार्य क्षमता vaccum tube से कहि गुना अधिक थी इसे सेकंड जनरेशन के कंप्यूटर में main component के रूप में प्रयोग किया गया था | सेकंड जनरेशन के कंप्यूटर में transistor के कारण सेकंड जनरेशन के कंप्यूटर का आकार काफी छोटा था सेकंड जनरेशन के कंप्यूटर को सिर्फ 1-2 लोग ही हैंडल कर सकते थे | सेकंड जनरेशन के कंप्यूटर में assembly language का प्रयोग होती थी | इस पीढ़ी में UNIVAC, IBM700 तथा ATLAS etc. computer का निर्माण हुआ था |
Third Generation 1965 – 1970 :-
Third generation में कंप्यूटर में बहुत बड़ा बदलाब आया इस पीढ़ी में कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर के बदले इंटीग्रेटेड सर्किट (Integrated circuit) का अविष्कार किया गया जिसके कारन कंप्यूटर और भी ज्यादा छोटे हो गए और ये पहले से ज्यादा तेज गति वाले हो गए | इस पीढ़ी के कंप्यूटर को एक जगह से दूसरी लेन और ले जाने में भी आसानी होती है | integrated circuit को इस पीढ़ी के कंप्यूटर में main component के रूप में इस्तेमाल किया गया है | तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में High level language का प्रयोग किया गया था पहेली High level language का नाम Fortran था | तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर को संचालित के लिए सिर्फ एक ही व्यक्ति की आवश्यकता होती थी | इस पीढ़ी में PDP or CDC 1700 computer का अविष्कार हुआ था |
Fourth Generation 1971 – 1994 :-
चतुर्थी पीढ़ी के समय में कम्प्यूटर्स का बहुत बड़े पैमाने पर विकास हुआ इसी पीढ़ी में वे कंप्यूटर बने जो की विविध कार्य करने में सक्षम थे | calculation करना, picture बनाना , audio create करना, Data को store करना etc. इस पीढ़ी के आरम्भ से ही सन 1971 में ही एक वैज्ञानिक टेड हॉफ (Ted Hofh)ने दुनिया का पहला माइक्रो प्रोसेस्सर (Micro Processer) बनाया जिसे इस पीढ़ी तथा आने बनली पीढ़ी के main component के रूप में इसे प्रयोग किया गया | इस पीढ़ी के कंप्यूटर में छोटे छोटे circuit के कारण इनका आकार काफी छोटा हो गया था | चौथे जनरेशन में कंप्यूटर बहुत ही portable हो गए थे | Desktop, Laptop, Plam top etc. इस पीढ़ी में कंप्यूटर आ चुके थे | इस पीढ़ी के कंप्यूटर की प्रोसेसिंग की गति पिछले तीन तीन पीढ़ी के कंप्यूटर से अधिक थी | ये कंप्यूटर माइक्रोसैकेण्ड ( Micro second) तथा नैनोसेकन्ड (Neno second) में कार्य करते थे | इस पीढ़ी के कंप्यूटर में High level language का प्रयोग किया गया | इस पीढ़ी में विकसित कुछ high level language है | BASIC , COBOL , PASCAL etc. इस पीढ़ी के कुछ कम्प्यूटर्स जिनको बनाया गया | IBM-PC, ZX-SPECTRUM etc.
Fifth generation 1995 – upto :-
इस पीढ़ी के कम्प्यूटर्स में सर्वधिक परिवर्तन किये गए है यह पीढ़ी निरन्तर विकासशील है कंप्यूटर अन्दर mother board में VLSIC (Very large scale Integrated circuit) चिप को अब ULSIC (Ultra Large scale Integrated Circuit) में रूप में प्रयुक्त किया जाने लगा | इस नयी तकनीक से माइक्रो प्रोसैसर की कार्यक्षमता में वृद्धि और आकार भी छोटा हो गया है | इस पीढ़ी में कंप्यूटर बहुत ही पोर्टेबल हो गए है | इस पीढ़ी में कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल, पॉमटॉप आदि इन सब का इस्तेमाल बहुत हो गया है | इस पीढ़ी के कंप्यूटर में सोचने समझने तथा निर्णय लेने की क्षमता बहुत अधिक है | इस पीढ़ी के कंप्यूटर AI पर काम करते है |
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